मुंबई : हरेश अशोक बोधा
दो दिवसीय मुंबई दौरे के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बुधवार को दिल्ली लौट गए। लेकिन दिल्ली जाने से पहले उन्होंने महायुति में सीटों के बंटवारे के जटिल पेंच को सुलझा दिया। सूत्रों का दावा है कि शाह ने पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की, बाद में सहयोगी दलों के नेताओं से लंबी चर्चा की। परिणाम स्वरूप महायुति में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तय हो गया। शाह के हस्तक्षेप के बाद बीजेपी के महाराष्ट्र के नेताओं ने 160 सीटों पर चुनाव लड़ने की जिद छोड़ दी है। तो वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) और राकांपा (अजित पवार) भी थोड़ी नरमी बरतने को तैयार हो गए हैं।
सूत्रों का दावा है कि अब बीजेपी 144 से 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। बीजेपी नए फॉर्मूले के तहत शेष 138 से 144 सीटें अपने प्रमुख सहयोगी दलों के लिए छोड़ने को तैयार हो गई। इसमें अजित पवार की एनसीपी को उसके विधायकों की संख्या के अनुरूप 60 से 62 तो वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 78 से 82 सीटें मिल सकती हैं।
उम्मीदवारों की पहली सूची जल्द ही
सीट शेयरिंग के तय फॉर्मूले के तहत अगले दो से तीन दिनों में महायुति के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। कहा जा रहा है कि पहली सूची में बीजेपी के 50 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी। इसी तरह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना अपनी पहली सूची में 30 से 35 तो वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी के 12 से 14 उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। इस तरह 288 में से 100 सीटों पर महायुति के उम्मीदवार
ऐसा रहा शाह का दौरा
बता दें कि अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को मुंबई पहुंचे थे। अपने दौरे के दौरान शाह ने दादर के स्वामी नारायण मंदिर स्थित योगी सभागृह में बीजेपी के कोकण संभाग के नेताओं एवं प्रमुख पदाधिकारियों एवं नेताओं को विधानसभा में जीत के रोड मैप के साथ बीजेपी की भविष्य की योजना भी समझा गए।
गृहमंत्री अमित शाह ने विश्वास के साथ कहा कि 2024 में महायुति की सरकार अवश्य आएगी लेकिन 2029 में बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाएगी। इस दौरान शाह ने एकला चलो के संकेत देते हुए यह भी कहा कि 2029 में बीजेपी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने लायक बने, ऐसी तैयारी में कार्यकर्ता अभी से जुट जाएं।
महायुति के नेताओं से मुलाकात
मंगलवार की रात और बुधवार की सुबह के समय सह्याद्री अतिथि गृह में विश्राम के दौरान गृहमंत्री अमित शाह, महायुति में शामिल घटक दलों के प्रमुख नेताओं में शामिल सीएम शिंदे और डीसीएम अजित पवार एवं सुनील तटकरे से भी मिले। इस दौरान शाह के साथ उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी बैठकों में मौजूद रहे।
मुंबई में चुनौती
सूत्रों के अनुसार, शाह ने बीजेपी के नेताओं और पदाधिकारियों को हर बूथ में 25 वोट बढ़ाने का प्रयास करने का निर्देश दिया है। इसी तरह उन्होंने सहयोगी शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार) के कार्यकर्ताओं को भी कम से कम 10 फीसदी वोट बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है। शाह ने यह स्वीकार किया है कि भले ही 2019 में कोकण की 75 सीटों में से 27 सीटें बीजेपी और 29 सीटें ठाकरे ने जीती थीं। लेकिन बदले हालात में कोकण संभाग की 75 विधानसभा सीटों में से मुंबई महानगर की 36 सीटों पर बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल सकती है।
उद्धव गुट से कड़ी टक्कर
बैठकों में यह स्वीकार किया गया कि मुंबई महानगर में महायुति को मुख्य रूप से शिवसेना (उद्धव गुट) से कड़ी टक्कर मिल सकती है। क्योंकि 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 36 में से 16 सीटें जीतीं थीं जबकि उद्धव गुट ने 14 सीटें जीतीं थीं। फिलहाल उन 14 विधायकों में से 8 विधायक अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पाले में जा चुके हैं लेकिन शेष 8 आज भी पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ हैं और मुंबई महानगर में शिवसेना का प्रभाव आज भी बरकरार है।
ऐसा हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी देखने को मिला था। लोकसभा चुनाव में उद्धव गुट के तीन उम्मीदवार अरविंद सावंत, अनिल देसाई और संजय दीना पाटिल जीत कर संसद पहुंचे तो वहीं अमोल कीर्तिकर को अविश्वसनीय हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह कांग्रेस की मुंबई प्रदेश अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ की जीत में भी उद्धव गुट का बड़ा योगदान रहा। साफ है कि उद्धव गुट यहां विधानसभा में भी कड़ी टक्कर देने की पूरी कोशिश करेगा।
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