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File Photo |
कल्याण : कल्याण के एनजीओ आई फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेश दाखिनकर की सूचना पर डोंबिवली की मानपाड़ा पुलिस ने बिना वैध दस्तावेजों के भारत आए और डोंबिवली में रह रहे छह बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक महिला भी शामिल है।
पुलिस के अनुसार ये सभी लगभग 15 दिन पहले बांग्लादेश से आए थे और इनमें से कुछ कपड़ा कंपनी में काम कर रहे थे। मानपाड़ा पुलिस ने इन्हें अपनी हिरासत में लेकर बांग्लादेश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि ये लोग फर्जी पहचान पत्रों और दस्तावेजों के सहारे भारत आए और डोंबिवली में रह रहे थे।
इस कार्रवाई के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। डोंबिवली जैसे बड़े शहर में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बंग्लादेशियों की इसी तरह की गिरफ्तारियां समय-समय पर होती रहती हैं। लेकिन यह समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही। मानपाड़ा पुलिस की इस कार्रवाई से यह भी सवाल उठता है कि इन बांग्लादेशी नागरिकों को शहर में एंट्री कौन दे रहा है।
पुलिस की ऐसी कार्रवाई
यह कैसे संभव है कि बिना वैध दस्तावेजों के ये लोग न केवल भारत में प्रवेश कर रहे हैं। बल्कि यहां काम भी कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सतर्कता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि पुलिस अक्सर ऐसी गिरफ्तारियां करके कार्रवाई का ढिंढोरा पीटती है। लेकिन शहर में पहले से रह रहे अवैध नागरिकों पर कोई गहन जांच पड़ताल नहीं होती।
डोंबिवली और आसपास के इलाकों में फर्जी पहचान पत्र और दस्तावेजों का नेटवर्क होने की आशंका पहले भी जताई जा चुकी है। लेकिन पुलिस ने कभी इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए हैं। स्थानीय प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि वह गहन जांच करके ऐसे घुसपैठियों के नेटवर्क को तोड़े और शहर में रह रहे अवैध नागरिकों का पता लगाए।
17 दिसंबर को गिरफ्तारी
पिछले हफ्ते भी 17 दिसंबर को कोलसेवाड़ी पुलिस ने विठ्ठलवाड़ी के जुनी सोनिया कॉलोनी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी दंपति को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया हैं। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अंजुरा हसन (37) और कमल हसन (44) के रूप में हुई है पुलिस के अनुसार यह दंपति पिछले सात से आठ सालों से भारत में अवैध रूप से रह रहा था और रिक्शा चलाने व घरों में काम करके जीवन यापन कर रहा था।
गौरतलब हो कि जुलाई 2017 में भी मानपाड़ा पुलिस ने अड़वली क्षेत्र से छह बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार किए थे। वह जाली दस्तावेज के आधार पर यहां रह रहे थे। 2016 में भी कल्याण ग्रामीण के निलजे गांव में ग्यारह बंग्लादेशी गिरफ्तार किए गए थे। जिसमें 8 पुरूष व 3 महिलाओं का समावेश था।
अवैध तरह से रह रहे थे
कल्याण पूर्व चेतना से अडवली, ढोकली सहित कल्याण पूर्व के तमाम क्षेत्रों के साथ ही डोंबिवली के गोलवली आदि क्षेत्रों में बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से जाली दस्तावेज के आधार पर रह रहे है। जिनमें होटल, लेडीज़ बार में वेटर का काम, चिकन की दुकान, नारियल पानी व ज्यूस सेंटर जैसे व्यवसायों में उनकी ज्यादा सहकारिता है।
टिटवाला के मांडा ग्रामीण पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले म्हराल गांव, वरप, कांबा और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध रूप से रहने की संभावना भी अधिक है। इसका मुख्य कारण है कि अधिक किराए की लालच में स्थानीय लोग बिना पुलिस सत्यापन के इन्हें कमरे किराए पर दे देते हैं। अगर पुलिस इन क्षेत्रों में सख्ती से जांच-पड़ताल करें तो यहां से भी अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों का पता चल सकता है। इस मुद्दे पर प्रशासन और स्थानीय पुलिस को सतर्क होकर कदम उठाने की जरूरत है।
घुसपैठियों की संख्या हर जगह बढ़ती जा रही है, जो की हानिकारक है l
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