मुंबई : हरेश अशोक बोधा
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के भीतर एक बार फिर उथल-पुथल के संकेत मिल रहे हैं। पार्टी के कई सांसद, विधायकों और नेताओं की गैरमौजूदगी ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। दिवंगत बाल ठाकरे की जयंती पर आयोजित शिवसेना के स्थापना दिवस समारोह में कई प्रमुख नेता अनुपस्थित रहे, जिससे पार्टी में टूट की अटकलें और मजबूत हो गई हैं।
गुरुवार को आयोजित इस कार्यक्रम में यूबीटी के विधायक दिलीप सोपाल, राहुल पाटिल, बाबाजी काले, और सांसद संजय देशमुख, नागेश पाटिल अष्टीकर, बंडू जाधव, ओम राजे निंबालकर और संजय दीना पाटिल मौजूद नहीं थे।
संजय राउत की सफाई:
यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सफाई देते हुए कहा कि अनुपस्थित नेताओं की पहले से अन्य प्रतिबद्धताएं थीं और उन्होंने पहले ही पार्टी को सूचना दे दी थी। राउत ने स्पष्ट किया कि यह मुंबई का कार्यक्रम था, इसलिए राज्य के अन्य इलाकों के नेता इसमें शामिल नहीं हो सके।
साल्वी और नाइक को लेकर अटकलें:
पूर्व विधायक राजन साल्वी और वैभव नाइक की अनुपस्थिति ने उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों को जन्म दिया है। राजन साल्वी पर शिवसेना और भाजपा दोनों की नजर है, जबकि उनकी तरफ से स्पष्ट खंडन नहीं आया है।
उदय सामंत का बड़ा दावा:
इस स्थिति को और गर्माते हुए शिवसेना नेता और उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा है कि यूबीटी खेमे के चार विधायक और तीन सांसद जल्द ही शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। सामंत ने यह भी दावा किया है कि कांग्रेस के चार विधायक भी पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों की नजर:
शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं की अनुपस्थिति और उदय सामंत के दावों ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में जाता है।
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