बाबरी की तरह होगा औरंगजेब की कब्र का हश्र! VHP और बजरंग दल ने किया बड़ा ऐलान, विपक्ष बोला- भाजपा का षड़यंत्र


नागपुर : हरेश अशोक बोधा


महाराष्ट्र में अबू आजमी के बयान के बाद औरंगजेब को लेकर उठे विवाद ने बड़ा मोड़ ले लिया है। छत्रपति संभाजीनगर से औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए विहिप बजरंग दल ने आक्रामक रूप ले लिया है। विहिप ने ऐलान किया है कि अगर कब्र नहीं हटाई गई तो कब्र तक कारसेवा की जाएगी। इस ऐलान के बाद से कब्र के आसपास सुरक्षा दल बढ़ा दिए गए है। हालांकि, राजनेताओं का कहना कुछ और है। महाराष्ट्र के राजनेता इन सब को भाजपा का रचा एक षड़यंत्र बता रहे है।


औरंगजेब की कब्र को लेकर उठे विवाद और वीएचपी और बजरंग दल द्वारा इसे हटाने की मांग के बारे में कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार कहते हैं, “उनके (वीएचपी और बजरंग दल) पास करने के लिए कुछ नहीं बचा है। वे नहीं चाहते कि महाराष्ट्र के लोग शांति से रहें। वे राज्य के विकास की गति को धीमा करना चाहते हैं। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि औरंगजेब 27 साल तक यहां रहे और वे राज्य के लिए कुछ नहीं कर पाए, अब उनकी कब्र को हटाने के बाद उन्हें क्या मिलेगा।”


भाजपा का षड़यंत्र – अतुल लोंधे


औरंगजेब की कब्र को लेकर उठे विवाद और वीएचपी और बजरंग दल द्वारा इसे हटाने की मांग को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल लोंधे पाटिल ने षड़यंत्र बताया। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में स्थिति तनावपूर्ण है। कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। किसान बिजली और पानी न मिलने से आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगारी बढ़ गई है। इन सभी मुद्दों को छिपाने के लिए भाजपा हिंदू और मुसलमान के नए मुद्दे लेकर आती है। उन्होंने लोगों को पीएफ और पेंशन योजनाओं से हटाकर शेयर बाजार में लगा दिया और अब 5 साल के अंदर ही महीनों से आम आदमी गरीब हो गया है। लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दों से हटाने के लिए ऐतिहासिक विषयों में उलझाया जा रहा है। लोग इस बार उनके झांसे में नहीं आने वाले हैं। उन्हें असली मुद्दों पर चर्चा करनी होगी।”


औरंगजेब की कब्र गुलामी का प्रतीक – गोविंद शेंडे


औरंगजेब की कब्र हटाने की विहिप और बजरंग दल की मांग के बारे में विहिप के महाराष्ट्र और गोवा क्षेत्र मंत्री गोविंद शेंडे ने कब्र हटाने का समर्थन किया। गोविंद शेंडे ने कहा, “शिवाजी महाराज की जयंती (तिथि के अनुसार) को देखते हुए आज की तारीख को विरोध के लिए चुना गया है। उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज को मारने से पहले 40 दिनों तक प्रताड़ित किया था। अगर कोई क्रूर शासक की पूजा करता है और उसे अपना प्रतीक बनाता है, तो यह अस्वीकार्य है। हमारी मांग है कि गुलामी के इस प्रतीक (औरंगजेब की कब्र) को हटाया जाना चाहिए। यहां उसकी कोई निशानी क्यों होनी चाहिए?”


ये होगा पहला कदम


उन्होंने आगे कहा, “अब तक सत्ता में रहने वाले लोगों ने इस बारे में कुछ नहीं किया क्योंकि उन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति की थी, लेकिन अब यह काम नहीं करेगा। हम पूरे महाराष्ट्र में विरोध कर रहे हैं। हम जिला कलेक्टरों को ज्ञापन देंगे और पुतले जलाएंगे। यह हमारा पहला कदम है। फिर, हम अंतिम चरण में संभाजीनगर की ओर मार्च करेंगे। इसमें कुछ समय लगेगा। समुदाय के लिए जो भी उचित होगा, वह कदम उठाया जाएगा।”




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