मुंबई : हरेश अशोक बोधा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का आगाज़ हो चूका है और पुरे राज्य में राजनीतिक दलों ने अपने चुनाव अभियान शुरू कर दिए है, लेकिन इन सबके बीच सूबे के सबसे ताकतवर सियासी परिवारों की लिस्ट में शुमार ठाकरे परिवार पर सबकी नज़र रहने वाली है।
ऐसा इसलिए क्योंकि उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे को पिछले विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट से टिकट देकर एक तरह से सक्रिय राजनीति में लांच कर दिया था और बाद में आदित्य अपने सीएम पिता की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर भी रहे।
इसी के साथ अब ठाकरे परिवार का एक और युवा सक्रिय राजनीती की और कदम बढ़ा रहा है, जिसे आदित्य की ही तरह राजनीति विरासत में मिली है। दरअसल हम बात कर रहे है, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे की।
अमित अब मुंबई मध्य की माहिम विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में है, जहां अब तीन सेनाओं के सिपाही आमने-सामने हो गए है। शिवसेना शिंदे ने अपने भरोसेमंद और वर्तमान विधायक सदा सरवणकर पुनः उम्मीदवार बनाया है।
बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में जब वर्ली सीट से आदित्य ठाकरे का नाम सामने आया था, तब मनसे प्रमुख ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। माहिम विधानसभा सीट पर मनसे ने साल 2009 में एक बार जीत दर्ज की है, हालांकि इसे शिवसेना का गढ़ माना जाता है।
इधर, आदित्य ठाकरे एक बार फिर वर्ली से ही चुनाव मैदान में है, लेकिन इस बार समीकरण कुछ अलग है। शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद यहां का मराठी वोट बैंक अस्थिर तो हुआ है, लेकिन पिछले चुनाव में आदित्य ने रिकार्ड वोटो से जीत दर्ज की थी और बेशक वे अपनी जीत को एक बार फिर दोहराना चाहेंगे।
आदित्य और अमित दोनों ही एक-दूसरे के चचेरे भाई है और अब दोनों ही राजनीति में आमने-सामने काम कर रहे है, लेकिन अब दोनों में सबसे ताकतवर कौन साबित होता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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