मुंबई : हरेश अशोक बोधा
राज्य में विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड जीत के बाद महायुति सरकार का गठन हो गया है। इस जीत में चुनाव से पहले शुरू की गई लाडली बहना योजना की बड़ी भूमिका मानी जा रही है लेकिन अब बीजेपी की अगुवाई में बनी सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों की जांच का ऐलान किया है। इसकी जानकारी महिला व बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने दी।
उन्होंने कहा कि ऐसी कई शिकायतें मिली हैं जिनमें इस योजना के लिए निर्धारित नियमों का पालन न करते हुए लाडली बहना का लाभ लिया जा रहा है। ऐसे में इन आवेदनों की जांच की जाएगी। मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि मानदंडों के बाहर भरे गए आवेदनों को अयोग्य घोषित करने का निर्णय लिया गया है।
बिना शिकायत आवेदन की नहीं होगी जांच
अदिति तटकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना शिकायत हम किसी भी आवेदन की जांच नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं ने इस योजना के निर्धारित मानदंड का पालन नहीं किया है, सिर्फ उनकी जांच की जाएगी।
क्या है पात्रता के नियम
लाडली बहना का लाभ लेने के लिए महिला की सालाना आय ढाई लाख से ऊपर नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उनके पास चारपहिया वाहन नहीं होना चाहिए।
बता दें कि अंतरराज्यीय विवाहित महिलाएं इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। आधार कार्ड और बैंक में नाम अलग होने पर भी सम्बंधित महिला को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। कुछ महिलाओं ने दो आवेदन किए हैं। ऐसी महिलाओं की भी जांच की जाएगी।
2 करोड़ 47 लाख आवेदन योग्य
पिछले साल जुलाई माह से शुरू हुई लाडली बहन योजना के लिए राज्य में 2 करोड़ 63 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 2 करोड़ 47 लाख आवेदन योग्य थे। 12 लाख 87 हजार बहनों के बैंक खाते आधार कार्ड से लिंक नहीं थे।
चुनाव से पहले उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला। अक्टूबर से नवंबर माह तक 2 करोड़ 34 लाख बहनों के बैंक खाते में 1500-1500 रुपये जमा किये गये दिसंबर का लाभ देने के लिए 1 हजार 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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