उल्हासनगर मनपा ने शुरू की ‘जनसंवाद सभा’, हर सोमवार को नागरिकों की समस्याओं का होगा समाधान


उल्हासनगर : हरेश अशोक बोधा


29 मार्च 2025: उल्हासनगर महानगरपालिका (मनपा) ने नागरिकों की प्रशासनिक समस्याओं को सुनने और उनका त्वरित समाधान करने के उद्देश्य से एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत अब हर सोमवार को प्रभाग स्तर पर ‘जनसंवाद सभा’ का आयोजन किया जाएगा। इसकी पहली बैठक 1 अप्रैल, 2025 को होगी।


उल्हासनगर मनपा में जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हुए चार वर्ष हो चुके हैं। जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति में नागरिकों की समस्याओं और सुविधाओं को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। आयुक्त एवं प्रशासक मनीषा आव्हाले के निर्देशानुसार, यह सभा प्रत्येक सोमवार को दोपहर 3 से 5 बजे तक सभी वार्ड समिति कार्यालयों में आयोजित की जाएगी। प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता संबंधित वार्ड समिति के सहायक आयुक्त करेंगे।


बैठक में ये अधिकारी रहेंगे मौजूद


जनसंवाद सभा में लोक स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, लोक निर्माण, संपत्ति कर और शहरी नियोजन विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपनी शिकायतें इन अधिकारियों के समक्ष सीधे प्रस्तुत करें। बैठक की शुरुआत आयुक्त द्वारा पिछले सप्ताह के निर्णयों और सरकारी योजनाओं पर अपडेट के साथ होगी। इसके बाद नागरिकों को व्यक्तिगत रूप से बुलाकर उनकी समस्याएं सुनी और दर्ज की जाएंगी।


जिन समस्याओं का तुरंत समाधान संभव होगा, उन्हें बैठक में ही हल किया जाएगा। अन्य जटिल मुद्दों पर रिपोर्ट तैयार कर अगली प्रक्रिया शुरू की जाएगी।


आयुक्त के स्पष्ट निर्देश


आयुक्त मनीषा आव्हाले ने इस पहल को कागजी औपचारिकता तक सीमित न रखते हुए प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी सहायक आयुक्तों और संबंधित विभागों को तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हर सोमवार को मुख्यालय से उपायुक्त या सहायक आयुक्त किसी एक वार्ड समिति कार्यालय का दौरा करेंगे और नागरिकों के अनुभवों की समीक्षा करेंगे।


नागरिकों के लिए सुविधा


इस पहल से उल्हासनगर के निवासियों को अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए अब मनपा मुख्यालय तक आने की आवश्यकता नहीं होगी। वे अपने नजदीकी वार्ड कार्यालय में जाकर अपनी बात रख सकेंगे। नागरिकों के बीच इस कदम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कई लोगों का मानना है कि यह प्रशासन के जनोन्मुख और कुशल कार्यप्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।





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