महायुति में खटपट तेज, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक दिल्ली रवाना; महाराष्ट्र की सियासत में नई हलचल


 

मुंबई : (हरेश अशोक बोधा) 19 नवंबर 2025महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से ठीक पहले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में तनाव चरम पर पहुँच गया है। उपमुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता एकनाथ शिंदे मंगलवार देर रात अचानक दिल्ली रवाना हो गए। सूत्रों के अनुसार उनकी दिल्ली यात्रा का मकसद केन्द्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर गठबंधन में जारी खींचतान को सुलझाना है।भाजपा के लगातार ‘ऑपरेशन लोटस’ से शिंदे गुट में आक्रोश
  • स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान भाजपा द्वारा शिवसेना (शिंदे गुट) के कई बड़े नेताओं व पदाधिकारियों को अपने पाले में लाने का सिलसिला जारी है।
  • कल्याण-डोंबिवली, उल्हासनगर, ठाणे सहित कई क्षेत्रों में शिंदे गुट के नगरसेवक और पदाधिकारी भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
  • हाल ही में कल्याण-डोंबिवली में शिवसेना (शिंदे) के दो बड़े नेता महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए।
इससे नाराज शिवसेना (शिंदे) के ठाणे जिला प्रमुख अरविंद मोरे ने भाजपा को खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा, “अगर भाजपा ने अपने नेता लेना बंद नहीं किया तो हम कल्याण-डोंबिवली में गठबंधन तोड़ देंगे। एकनाथ शिंदे के विकास कार्यों के दम पर हम अकेले 56 नहीं, 80 से अधिक नगरसेवक जीत लाएँगे।”बाल ठाकरे स्मारक ट्रस्ट में शिंदे को जगह न मिलना बना विवाद की बड़ी वजहसरकार द्वारा हाल ही में घोषित बालासाहेब ठाकरे स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष और सदस्यों की सूची में उद्धव ठाकरे को अध्यक्ष और आदित्य ठाकरे व सुभाष देसाई को सदस्य बनाया गया, जबकि एकनाथ शिंदे का नाम शामिल नहीं किया गया। बाल ठाकरे की सच्ची विरासत का दावा करने वाले शिंदे गुट के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि इस फैसले से शिंदे व्यक्तिगत रूप से काफी नाराज हैं।कैबिनेट बैठक का बहिष्कार और अब दिल्ली दौरा
  • पिछले दिनों शिंदे गुट के मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक का बहिष्कार किया था।
  • अब उपमुख्यमंत्री का अचानक दिल्ली जाना यह संकेत दे रहा है कि मामला केवल स्थानीय निकाय चुनाव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह गठबंधन की सेहत पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
उल्हासनगर में भी उलटा खेलदूसरी तरफ उल्हासनगर में भाजपा के 6 नगरसेवक (मीना सोंधे, किशोर वनवारी सहित) शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए, जबकि बाकी 4 भाजपा नगरसेवक शिवसेना (शिंदे गुट) की सहयोगी पार्टी TOK (टीम ओमी कालानी) में चले गए। इससे साफ है कि स्थानीय स्तर पर दोनों गुटों के बीच जबरदस्त खींचतान चल रही है।
2 दिसंबर को नगर पंचायत-नगर परिषद चुनावइन सबके बीच 2 दिसंबर को राज्य में नगर पंचायत और नगर परिषद के चुनाव होने हैं। कई जगहों पर महायुति के घटक दल अलग-अलग लड़ने का ऐलान कर चुके हैं, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यदि शिंदे की दिल्ली यात्रा से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला तो महायुति में दरार और गहरी हो सकती है, जिसका सीधा फायदा महाविकास अघाड़ी को मिल सकता है।फिलहाल सभी की निगाहें दिल्ली से लौट रहे एकनाथ शिंदे के अगले कदम पर टिकी हैं।



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